मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए आखिरकार तीन तालक बिल राज्यसभा से पास कराने में सफलता हासिल कर ली। आज दिनभर चली लंबी चर्चा के बाद अंतत: शाम में हुई वोटिंग में यह बड़ी सफलता हासिल हुई। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में लोकसभा से इसे पास करा लिया था लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं रहने के चलते यह बिल वहां लटक गया था। लेकिन मंगलवार को राज्यसभा में बिल पर वोटिंग के बाद सरकार इस बिल को पास कराने में कामयाब हो गई है, राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े हैं। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान अन्नाद्रमुख और जनता दल यूनाइटेड ने सदन से वॉकआउट किया जिस वजह से बिल पास कराने के लिए सदन में सरकार के पास जरूरी वोट बने रहे और सरकार इस बिल को पास कराने में कामयाब हो गई। बिल पर विपक्षी दलों की तरफ से जो संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था वह भी वोटिंग में गिर गया, संशोधन के के उसके पक्ष में 84 वोट पड़े जबकि उसके खिलाफ 100 वोट पड़े।
चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह तीन तलाक को जारी रखना चाहता है। उन्होंने कहा, मैं मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव सरकार का नहीं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि शाहबानो केस में उसके पांव क्यों डगमगाए।
तीन तलाक बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल संवदादाताओं से बातचीत में कहा कि जो दल यह कहते रहे कि वो तीन तलाक बिल का विरोध करेंगे लेकिन वोटिंग के वक्त सदन से नदारद क्यों रहे? वहीं कांग्रेस नेता राज बब्बर ने इसे एक ऐतिहासिक गलती बताया है। उन्होंने कहा कि एक सिविल लॉ को क्रिमिनल लॉ में बदल दिया गया है।